Computer
Classification ( कंप्यूटर वर्गीकरण )
1. Classification based on Operating Principles.
2. Classification Digital Computer based on size and Storage Capacity and Performance.
1. Classification based on Operating Principles:-
इस प्रकार के कम्प्यूटरों को तीन भागों में बांटा गया हैं।-
A. Analog Computer: ये कंप्यूटर दवाब, ताप आदि के अनुसार कार्य करते हैं। ये कंप्यूटर डॉक्टर्स के पास होते हैं।
B. Digital Computer: ये कंप्यूटर अंको के आधार पर कार्य करते हैं। ये कंप्यूटर व्यवसाय, घर आदि में काम में लिए जाते हैं।
C. Hybrid Computer: ये कंप्यूटर Analog और Digital दोनों कंप्यूटर के द्वारा किये जाने वाले काम करते हैं।
2. Classification Digital Computer based on size and Storage Capacity
and Performance:-
इस प्रकार के कम्प्यूटरों को चार भागों में बांटा गया हैं।- (Digital Computer)
A. Super Computer :
इनकी भंडारण क्षमता, डेटा प्रोसेसिंग इत्यादि बहुत ज्यादा तेज होती हैं। इनका उपयोग वैज्ञानिकों द्वारा किया जाता हैं।
पहला सुपर कंप्यूटर 1964 में बनाया गया।
इसका नाम - CDC 6600 था।
Super Computer के उपयोग :
मौसम की भविष्यवाणी
भूकंप की जानकारी
और संचार इत्यादि।
हथियारों के परीक्षण और नाभिकीय हथियारों के प्रभावों को जानने वाले कंप्यूटर -
IBM's Sequoia (अमेरिका में)
Fujitsu's K Computer (जापान में)
PARAM Super Computer (भारत में)
B. Mainframe Computer :
काफी महंगे और सरकारी संस्थाओ और बिज़्नेस ऑपरेशन के लिए होते हैं। ये कंप्यूटर बड़े कमरे में रखे जाते हैं। और इनको उचित शीतलन के साथ साथ कुछ और भी चाहिए होता हैं। ये बहुत तेज होते हैं। इनका उपयोग शिक्षण संस्थान और इंश्योरेंस कंपनियों में उनके ग्राहकों के डाटा को रखने के लिए किया जाता है।
कुछ मशहूर मेनफ्रेम कम्प्यूटर्स -
Fujitsu's ICL VME
Hitachi's Z800
C. Mini Computer : ये कंप्यूटर छोटे व्यवसाय में उपयोग में लिए जाते हैं। ये सुपर कंप्यूटर जितना शक्तिशाली नहीं होते पर फिर भी ये एक शक्तिशाली मशीन की गिनती में आते हैं।
कुछ मिनी कम्प्यूटर्स के नाम -
K-202
Texas Instrument TI-990
SDS-92
D. Micro Computer :
नार्मल हम अपने आसपास माइक्रो कंप्यूटर ही देखते हैं। और ये काफी अच्छे भी होते हैं।
नार्मल हम अपने आसपास माइक्रो कंप्यूटर ही देखते हैं। और ये काफी अच्छे भी होते हैं।
ये कंप्यूटर 4 प्रकार के होते हैं-
a.Desktop Computer b. Laptop Computer c. Tablet PC d. Handheld (Smartphone).
Benefits of
Computer Systems | कंप्यूटर सिस्टम के लाभ |
1. कंप्यूटर सिस्टम- परिभाषा :-
कंप्यूटर ऐसे उपकरणों से बने होते हैं, जो डेटा को Input करते हैं, प्रोसेस करते हैं और स्टोर करते हैं। आपको डेटा का तो पता ही होगा (Text, Images, Audio clips, videos Etc. डेटा होता हैं)
कंप्यूटर में डेटा Input Devise ( Mouse,
Keyboard, Etc. इनपुट उपकरणों के उदारहण हैं ) के द्वारा इनपुट किया जाता हैं और Computer Memory में स्टोर किया जाता हैं।
कंप्यूटर सिस्टम में परिणाम Output Devises (Monitor, Printer, Plotter Etc. आउटपुट उपकरणों के उदारहण हैं ) के द्वारा दिखाया जाता हैं
कंप्यूटर केवल विधुत सकेंतो को ही समझता हैं।
कंप्यूटर एक सूचना प्रणाली (Information system) का हिस्सा हैं
सूचना प्रणाली के पांच भाग हैं - डेटा, हार्डवेयर, सॉफ्टवेयर, प्रोसीजर और लोग।
पीपल (लोग) - कंप्यूटर के द्वारा लोग अधिक उत्पाद और प्रभावी बन सकते हैं। जैसे- कुछ टाइम पहले लोग अपने हाथो से राशिद काटते थे, पैसो का लेनदेन भी By Hand ही होता था। परन्तु अब ऐसा नहीं होता हम ऑनलाइन ये सारा काम बहुत आसानी से कर सकते हैं।
प्रोसीजर - प्रोसीजर नियमो, दिशा निर्देशों का एक समूह होता हैं जिनको पढ़कर हम कंप्यूटर हार्डवेयर & सॉफ्टवेयर का आसानी से प्रयोग कर सकते हैं। जैसे - हमें MsWord सीखने के लिए या तो Youtube पर videos Watch करनी होगी या कोई Book Read करनी होगी।
हार्डवेयर - ये वे उपकरण होते हैं जो कंप्यूटर में डेटा को इनपुट करवाने में हमारी मदद करते हैं। हार्डवेयर सॉफ्टवेयर द्वारा नियंत्रित किये जाते हैं।
सॉफ्टवेयर - ये वे उपकरण होते हैं , जो कंप्यूटर को निर्देश देने में हमारी मदद करते हैं की कंप्यूटर को क्या काम करना हैं। प्रोग्राम्स का समूह या फिर प्रोग्राम्स का दूसरा नाम Software कहलाता हैं।
डेटा - जो जानकारी किसी के साथ शेयर नहीं की गई वो डेटा होती हैं (डेटा- Image, Songs, कोई New Book)
जैसे - हम कोई भी जानकारी इकट्ठा करते हैं तो वो डेटा होती हैं और जब हम उस डेटा तो कहीं परदर्शी करते हैं तो वो डेटा सूचना में बदल जाता हैं।
2. कंप्यूटर की विशेषताएं :-
1. गति (speed) - कम्प्यूटर की स्पीड बहुत जी ज्यादा होती हैं। कंप्यूटर डेटा की एक बड़ी मात्रा को Process करने में कुछ ही सेकण्ड्स का टाइम लेता हैं।
2. शुद्धता (Accuracy) - कंप्यूटर के द्वारा दिए जाने वाले परिणाम हमेशा सही होते हैं। यदि कंप्यूटर में सही डेटा दर्ज किया गया हैं तो प्राप्त परिणाम भी एक दम सटीक होगा।
Computer GIGO (Garbage in Garbage Out) के सिद्धांत पर कार्य करता हैं, अर्थात जो हमने कंप्यूटर में फीड किया हैं उसी तरह हमे परिणाम मिलेगा। जैसे हमने कंप्यूटर में 4 + 4 = 9 डेटा फीड किया हैं तो कंप्यूटर उसे 8 नहीं show कर सकता क्योंकि Computer में जो डेटा फीड होता हैं वह उसी के According परिणाम देता हैं।
3. उच्च संचयन क्षमता (High Storage Capacity) - कंप्यूटर की Memory बहुत विशाल होती हैं। और हम इसमें बहुत बड़ी मात्रा में डेटा को Store कर सकते हैं। इसमें कोई भी जानकारी लम्बे समय तक सुरक्षित रह सकती हैं।
4. विविधता - कंप्यूटर किसी एक काम को करने के लिए नहीं बना हैं। इससे हम बहुत सरे काम कर सकते हैं। जैसे - बैंकिंग, अस्पताल प्रबंधन, पत्र लिखने और भी बहुत सरे काम हम कंप्यूटर के द्वारा कर सकते हैं।
5. परिशंसीलता (diligence ) - एक मशीन होने के नाते कंप्यूटर को कभी भी थकान नहीं होती। कंप्यूटर को अगर हम कितना भी काम करवा ले ये शुरू से अंत तक उस काम को उतनी स्पीड में करेगा जितनी स्पीड में करना शुरू किया था।
6. सिमा (Limitation) - जी हाँ कंप्यूटर की भी कुछ सीमाएं हैं। कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन हैं जो की डाटा को ग्रहण करता हैं और परिणाम देता हैं पर ये अपने आप कोई भी काम नहीं कर सकता। ये खुद सोच नहीं सकता इसका IQ (Intelligent Quotient)लेवल 0 होता हैं।
1. कंप्यूटर हार्डवेयर (Computer Hardware) :-
कंप्यूटर के वे भाग जिनका भौतिक स्वरूप होता हैं, उनको हार्डवेयर कहा जाता हैं अगर सामान्य भाषा में बोलें तो कंप्यूटर के वे भाग जिनको हम देख व छू सकते हैं। हार्डवेयर कहलाते हैं।
Example - Monitor, CUP, Keyboard, Mouse, Printer, Scanner आदि के आलावा भी बहुत सारे Computer Hardwareहोते हैं, जिनका वर्णन आपको Next Post में मिलेगा।
Computer Hardware को चार भागो में बांटा गया हैं-
·
इनपुट डिवाइस (Input Device)
·
आउटपुट डिवाइस (Output Device)
·
प्रोसेसिंग डिवाइस ( Processing Device)
·
स्टोरेज डिवाइस (Storage Device)
➤ इनपुट डिवाइस (Input Device) :-
➭ वे उपकरण जो कंप्यूटर में डेटा को इनपुट करवाते हैं। इनपुट उपकरण कहलाते हैं।
➭ Keyboard, Mouse, Scanner, Web cam, Microphone, Joystick, Touch pad, Trackball Etc. इनपुट डिवाइस के उदारण हैं।
➭ इनपुट डिवाइस Information को Electrical Signal में Convert करते हैं।
➭ इनपुट उपकरणों का मुख्य कार्य मनुष्य को कंप्यूटर के साथ Interaction (बातचीत) करवाना होता हैं।
➤ आउटपुट डिवाइस (Output Device) :-
➭ ये उपकरण कंप्यूटर सिस्टम से इनफार्मेशन लेते हैं और उसे ऐसे रूप में परिवर्तित कर देते हैं जिसे मनुष्य आसानी से समझ सकता हैं। उदाहरण - Printer द्वारा कंप्यूटर में स्टोर किसी Document को Print करना ताकि कोई भी इंसान उसे आसानी से समझ सके।
➭ Monitor, Printer, Headphone, Speaker, Touchscreen, Projector Etc. आउटपुट डिवाइस के उदारण हैं।
➤ प्रोसेसिंग डिवाइस ( Processing Device) :-
➭ ये उपकरण कंप्यूटर के भीतर इनफार्मेशन की प्रोसेसिंग करते हैं।
➭ Motherboard, Processor, Memory. प्रोसेसिंग डिवाइस के उदारण हैं।
➤ स्टोरेज डिवाइस (Storage Device) :-
➭ ये उपकरण कंप्यूटर भीतर डेटा Store करने का कार्य करते हैं।
➭ Hard Disk Drive, Compact Disk Drive इसके उदारण हैं।
2. कंप्यूटर सॉफ्टवेयर (Computer Software) :-
➭ हम सॉफ्टवेयर के द्वारा बहुत से कार्य कर सकते हैं
➭ कंप्यूटर में सभी कार्य सॉफ्टवेयर के द्वारा किये जाते हैं जो की Secondary Memory में स्टोर हो जाते हैं।
➭ सॉफ्टवेयर प्रोग्राम्स का ही दूसरा नाम होता हैं।
➭ अलग-अलग सॉफ्टवेयर अलग-अलग कार्य के लिए बनाये जाते हैं जो की एक विशेष Programming Language में लिखे होते हैं।
Computer Software को दो भागो में बांटा गया हैं-
1. सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) (चार भाग)
a. ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System)
b. सिस्टम यूटिलिटीज (System Utilities)
c डिवाइस ड्राइवर (Device Driver)
d सर्वर (Server)
2. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) (दो भाग)
a.बेसिक एप्लीकेशन (Basic Applications)
b. शलाइज्ड एप्लीकेशन (Specialized Applications)
➤सिस्टम सॉफ्टवेयर (System Software) :-
➭ सिस्टम सॉफ्टवेयर एक ऐसा सॉफ्टवेयर हैं जो पहले User से सूचना का आदान-प्रदान करता हैं और फिर एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर के साथ कार्य करता हैं।
➭ सिस्टम सॉफ्टवेयर कंप्यूटर के आंतरिक संसाधनों का प्रबधन करने में मदद करता हैं।
➭ सिस्टम सॉफ्टवेयर एक प्रोग्राम नहीं बल्कि बहुत सारे प्रोग्रामों का एक संग्रह हैं।
सिस्टम सॉफ्टवेयर के घटक निम्न हैं -
1. ऑपरेटिंग सिस्टम (Operating System):-
➭ ऑपरेटिंग सिस्टम एक सिस्टम सॉफ्टवेयर हैं जो कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का प्रबंधन करने के साथ-साथ कंप्यूटर प्रोग्रामो को सेवाएं प्रदान करता हैं।
➭ ऑपरेटिंग सिस्टम कंप्यूटर और User के बीच Interface प्रदान करता हैं।
➭ ऑपरेटिंग सिस्टम में Windows OS बहुत ज्यादा इस्तेमाल होने वाला OS हैं
➭ लिनिक्स और यूनिक्स OS भी कुछ विशेष प्रकार की एप्लीकेशन में इस्तेमाल किया जाता हैं। ये कई प्रकार के होते हैं - एम्बेडेड (Embedded), वितरित (Distributed), वास्तविक समय (Real Time) अादि।
2. सिस्टम यूटिलिटीज (System Utilities):-
➭ यूटिलिटी विंभिन्न प्रकार की सेवाएं हैं जो की ऑपरेटिंग सिस्टम के द्वारा प्रदान की जाती हैं।
कुछ यूटिलिटी सॉफ्टवेयर -
➭ Disk
Defragmenters: डिस्क डीफ़्रेग्मेंटर्स, ऐसे कंप्यूटर फाइलों का पता लगाते हैं जिनके कंटेंट हार्ड डिस्क पर कई लोकेशन में फैले हुए है, और एफिशिएंसी बढ़ाने के लिए फ़्रेग्मेंट को एक ही लोकेशन पर ले जाते हैं।
➭ Network
Utilities: नेटवर्क युटिलिटीज कंप्यूटर नेटवर्क कि कनेक्टिविटी को एनलाइज़ करते है, नेटवर्क सेटिंग कॉन्फ़िगर करते है, डाटा ट्रांसफर या लॉग इवेंट्स चेक करते है।
➭ Backup
Software: बैकअप सॉफ्टवेयर डिस्क पर स्टोर सभी इनफॉर्मेशन की कॉपिज बनाता है और डेटा लॉस्ट होने पर इस बैकअप को रिस्टोर करने में मदद करते हैं।
3. डिवाइस ड्राइवर (Device Driver):-
➭ ये विशेष प्रोग्राम होते हैं जो की अन्य Input और Output Device को कंप्यूटर से जुड़ने में मदद करते हैं।
जैसे - अगर आप एक नई प्रिंटर को कंप्यूटर से जोड़ रहे हैं तो आपको उस प्रिंटर के Device Driver करने होंगे, अन्यथा प्रिंटर Work नहीं करेगा।
4. सर्वर (Server):-
➭ इसकी आवश्यकता तब होती हैं जब अलग-अलग User द्वारा किये गए अनुरोधों को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रोग्रामों को रन करने की जरूरत होती हैं।
5. लैंग्वेज ट्रांसलेटर (Language translator):-
➭ ये भी सिस्टम सॉफ्टवेयर में ही काउंट होते हैं।
➭ इसके द्वारा हम किसी लैंग्वेज को दूसरी लैंग्वेज में बदल सकते हैं जैसे- हिंदी को English में बदलना।
➤एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर (Application Software) :-
➭ एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर वो सॉफ्टवेयर हैं जो विशेष रूप से Users के लिए तैयार किये जाते हैं।
➭ इनको End User Software भी कहा जाता हैं।
➭ वर्ड प्रोसेसर, वेब ब्राउज़र, एक्सेल आदि इसी की श्रेणी में आते हैं।
एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर को दो भागो में बनता गया हैं जो निम्न हैं -
1. बेसिक एप्लीकेशन (बेसिक Application):-
➭ इनका उपयोग अनेक कार्यो के लिए किया जाता हैं। जैसे - संदेश भेजने, डॉक्यूमेंट तैयार करने, डेटाबेस, ऑनलाइन शॉपिंग आदि।
2. स्पेशलाइज्ड एप्लीकेशन (Specialized Applications):-
➭ ये प्रोग्राम कुछ विशेष कार्यों के लिए बने होते हैं। जो किसी व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करते हैं।
➭ कुछ अच्छे प्रोग्राम्स -ग्राफिक्स, ऑडियो, वीडियो, मल्टीमीडिया, वेब लेखन और कृत्रिम बुद्धि।
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